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Primary Memory क्या है और कौन सी है?
जैसा हम जानते है, कि Memory एक कंप्यूटर के कुछ मुख्य भागों में से एक है। Computer System में इसे दो हिस्सों में बांटा जाता है, जिसे हम प्राइमरी और सेकंडरी मेमोरी कहते है। यहां आप Primary Memory क्या है? (What is Primary Memory in Hindi) इस बारे में जानेगें।
इस पोस्ट में आप निम्नलिखित टॉपिक के बारे में पढ़ेंगे:-
- प्राइमरी मेमोरी क्या है
- प्राइमरी मेमोरी के प्रकाr
प्राइमरी मेमोरी क्या है? (What is Primary Memory in Hindi)
Primary Memory कंप्यूटर की Main Memory होती है, जो आमतौर पर उस प्रकार के Data अथवा Program को Store करती है, जिसे वर्तमान समय में Processing Unit (CPU) द्वारा प्रोसेस किया जा रहा होता है। Primary Memory मुख्य रूप से तीन प्रकार की होती है जिसमें RAM, ROM और Cache Memory शामिल है। इनकी स्टोरेज क्षमता बहुत कम होती है लेकिन ये सेकेंडरी स्टोरेज (HDD और SDD) की तुलना में डेटा तक बहुत तेजी से पहुंच प्रदान करती है।
ये Volatile और Non-volatile दोनों तरह की होती है। जहां वोलेटाइल का मतलब उन मेमोरी डिवाइस से है जो सिर्फ कंप्यूटर के चालू रहने तक डेटा को स्टोर करती है, जबकि नॉन-वोलेटाइल वो होती है जो लंबे समय तक डेटा को स्टोर कर सकती है। चूंकि यह Main Circuit Board में CPU के बहुत करीब स्थित होती है इसलिये Primary Memory में मौजूद Data को CPU बहुत तेजी से Read करता है।
Primary Memory को Internal Memory और Primary Storage भी कहा जाता है। ये Memory आमतौर पर Semiconductor सामग्री से बनाई गई होती है और सेकंडरी स्टोरेज के मुकाबले अधिक महंगी होती है।
प्राइमरी मेमोरी की कुछ मुख्य विशेषताएं:
- उन Program या Data को स्टोर करती है जिन्हें CPU द्वारा वर्तमान में प्रोसेस किया जा रहा होता है।
- Primary Memory कंप्यूटर में सीधे CPU से कनेक्ट होती है।
- ये Semiconductor Memory होती है।
- सेकेंडरी स्टोरेज की तुलना में Primary Memory काफी तेज होती है।
- ये काफी महंगी होती है सेकंडरी स्टोरेज डिवाइस की तुलना में।
- बिना Primary Memory के कंप्यूटर कार्य नही कर सकते।
Primary Memory कौन सी है?
कंप्यूटर सिस्टम में Primary Memory कुल तीन प्रकार की होती है:
- RAM
- ROM
- Cache Memory
1. RAM
RAM का मतलब Random Access Memory होता है। ये कंप्यूटर की मुख्य मेमोरी कहलाती है। जब भी आप Computer में कोई सॉफ्टवेयर या फाइल खोलते है, तो वो सबसे पहले RAM में लोड होते है जिसके बाद CPU द्वारा उन्हें प्रोसेस किया जाता है। आसान भाषा मे आप जो भी कंप्यूटर में कर रहे है वो कही न कही RAM में चल रहा है।
इसलिए इसे Temporary Memory कहा जाता है, क्योंकि यह किसी डेटा को तब तक ही स्टोर करती है जब तक CPU को उसकी जरूरत है। ये अन्य स्टोरेज डिवाइस के मुकाबले बहुत तेज होती है। RAM मुख्य रूप से Volatile प्रकृति की होती है, अर्थात Computer बंद होते ही इसमे मौजूद डेटा डिलीट हो जाता है। RAM मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है: SRAM और DRAM.
SRAM व DRAM में अंतर
SRAM | DRAM |
---|---|
SRAM की फुल फॉर्म “Static Random Access Memory” है। | DROM की फुल फॉर्म “Dynamic Random Access Memory” है। |
यह कंप्यूटर में Main Memory का काम करती है। | इसका उपयोग Cache Memory के रूप में किया जाता है। |
इसमें डेटा को स्टोर करने के लिए Transistors का इस्तेमाल होता है। | यहां डेटा स्टोर करने के लिये Capacitors का उपयोग होता है। |
SRAM को बार-बार Refresh करने की आवश्यकता नही होती। | DRAM में डेटा को लंबे समय तक स्टोर करने के लिये लगातार Refreshing की आवश्यकता पड़ती है। |
SRAM कम मात्रा में डेटा स्टोर करती है। | जबकि DRAM की स्टोरेज क्षमता इसके मुकाबले अधिक होती है। |
यह एक फास्ट मेमोरी है। | इसके मुकाबले यह एक स्लोवर मेमोरी है। |
SRAM बहुत महंगी होती है। | जबकि इसके मुकाबले DRAM बहुत सस्ती होती है। |
2. ROM
ROM का मतलब Read Only Memory है। जैसा इसके नाम से पता चलता है, कि यह सिर्फ Readable होती है अर्थात इसमें स्टोर डेटा या प्रोग्राम को सिर्फ पढ़ा जा सकता है उसमें किसी तरह का संसोधन अथवा बदलाव सम्भव नही या उतना आसान नही। इसलिए आमतौर पर ROM Chip में उन Fixed Program को स्टोर किया जाता है जिन्हें फिर Modified करने की आवश्यकता नही पड़ती। उदाहरण के लिये Computer ROM में Firmware नाम का एक प्रोग्राम स्टोर होता है, जो Computer को Start करने के लिये जिम्मेदार होता है।
ROM की प्रकृति Non-Volatile होती है अर्थात कंप्यूटर के स्विच-ऑफ होने की स्थिति में भी इसमें मौजूद प्रोग्राम या डेटा मिटता नही। यह डेटा को Permanently स्टोर करके रखती है। हालांकि यह बहुत कम मात्रा में डेटा स्टोर करती है। ROM एक Slower मेमोरी है और यह RAM के मुकाबले सस्ती होती है। आमतौर पर ROM तीन प्रकार की होती है: PROM, EPROM और EEPROM.
PROM, EPROM और EEPROM में अंतर
PROM | EPROM | EEPROM |
---|---|---|
PROM का पूरा नाम “Programmable Read Only Memory” होता है। | EPROM का पूरा नाम “Erasable Programmable Read Only Memory” है। | EEPROM का पूरा नाम “Electrically Programmable Read Only Memory” होता है। |
यह चिप One-Time Programmable होती है। | इसे पराबैंगनी प्रकाश की मदद से कई बार Reprogrammed किया जा सकता है। | इसे इलेक्ट्रिक-चार्ज के उपयोग से Reprogrammed किया जा सकता है। |
PROM सस्ती होती है बाकी ROM की तुलना में। | EPROM एक PROM की तुलना में मंहगी होती है। | EEPROM सबसे महंगी प्रकार की ROM है। |
ROM के सबसे पुराने संस्करण में से एक है PROM. | EPROM एक बेहतर संस्करण है PROM का। | EEPROM सबसे आधुनिक संस्करण है ROM में। |
यह पूरी तरह से प्लास्टिक कवर से ठकी होती है। | एक पारदर्शी Quartz Window से कवर होती है। | यह पुरी तरह से एक अपारदर्शी प्लास्टिक बॉक्स में बंद होती है। |
3. Cache Memory
कंप्यूटर में कैश मेमोरी एक छोटे साइज की Memory होती है, जो अक्सर अनुरोधित डेटा और निर्देशों को स्टोर करती है ताकि जरुरत पड़ने पर वे तुरंत CPU के लिये उपलब्ध हो। Cache Memory डेटा को Temporary रूप से स्टोर करती है। ये बेहद ही फास्ट मेमोरी है जो कंप्यूटर में CPU और RAM के बीच स्थित होती है। आधुनिक जमाने के कम्प्यूटरों में Cache Memory एक बेहद ही महत्वपूर्ण भाग है।
जब भी CPU कोई टास्क करता है तो कई ऐसे निर्देश होते है जिनकी जरूरत उसे बार-बार पड़ती है, Cach Memory उन निर्देशों को तुरंत CPU को प्रदान करती है। जिससे कंप्यूटर की परफॉरमेंस में सुधार होता है। आमतौर पर यह Memory कंप्यूटर में CPU के साथ इनबिल्ट होती है या फिर किसी अलग चिप के रूप में कंप्यूटर में मौजूद होती है।
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