Operating System क्या है? इसके कार्य, प्रकार और उदाहरण What is Operating System? Its functions, types and examples src nots

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Operating System क्या है? इसके कार्य, प्रकार और उदाहरण

इस लेख में आप जानेगें ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है? (What is Operating System in Hindi)। जरा सोचिए कंप्यूटर को इस्तेमाल करना आज जितना आसान है, क्या उतना आसान पचास साल पहले होगा। ब्लिकुल नही, बल्कि जितनी गतिविधियां आधुनिक कंप्यूटर करते है, उसकी एक प्रतिशत भी उन सिस्टम द्वारा नही की जा सकती थी।

Operating System Kya Hai src nots

यही कारण है, कि हम Operating System को कंप्यूटर के महत्वपूर्ण अविष्कार के रूप में देखते है। पहले के कंप्यूटर बहुत उलझे हुए होते थे; एक समान व्यक्ति के लिए उनका इस्तेमाल करना संभव नही था। अगर आपको कंप्यूटर के द्वारा कोई कार्य करना है, तो उसके लिए एक ऑपरेटर होता था, जो आपके Program को CPU में इनपुट करता था।

कहने का मतलब है, एक यूजर और कंप्यूटर के बीच कोई डायरेक्ट इंटरेक्शन नही था। इस मुश्किल का समाधान निकालते हुए Operating System का अविष्कार हुआ। हालांकि वह आज के OS जीतना सक्षम नही था, परन्तु उसने कंप्यूटर को थोड़ा आधुनिक बना दिया। तो चलिए अब विषय पर आते है और सबसे पहले जानते है, Operating System क्या होता है? फिर इसके बाकी पहलुवों को समझेंगे।

इस पोस्ट में आप निम्नलिखित टॉपिक के बारे में पढ़ेंगे:-

  • ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है
  • ऑपरेटिंग सिस्टम की आवश्यकता
  • ऑपरेटिंग सिस्टम के कार्य
  • ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकार
  • ऑपरेटिंग सिस्टम के लक्ष्य
  • वीडियो लेक्चर

ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है – What is Operating System in Hindi?

Operating System अथवा “OS” एक सिस्टम सॉफ्टवेयर है, जो यूजर और कंप्यूटर के बीच एक इंटरफ़ेस के रूप में कार्य करता है। अर्थात हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर प्रोग्राम को मैनेज करता है। बिल्कुल आसान शब्दों में ये वो सिस्टम सॉफ्टवेयर है, जो आपको कंप्यूटर के साथ कम्यूनिकेट करने में मदद करता है, बिना कंप्यूटर लैंग्वेज को सीखे।

एक Operating System का उद्देश्य कंप्यूटर के इस्तेमाल को सुविधाजनक बनाना है। उपयोगकर्ता को किसी भी कंप्यूटिंग डिवाइस (डेस्कटॉप, लैपटॉप, स्मार्ट-फोन और टैबलेट, इत्यादि।) में अन्य प्रोग्राम को चलाने के लिए Operating System की आवश्यकता होती है। कुछ जाने पहचाने OS के उदाहरण: WindowsAndroidiOSmacOSLinux और Chrome OS, etc.

विशेष रूप से एक Operating System का काम यूजर को हार्डवेयर की जटिलता से बचाना और कम्प्यूटेशनल संसाधनों को मैनेज करना है। जब हम कंप्यूटर को चालू करते है, तो CPU द्वारा OS को हार्ड डिस्क से मुख्य मेमोरी में लोड किया जाता है। OS के कंप्यूटर में स्टार्ट हो जाने के बाद ये बाकि एप्लीकेशन प्रोग्राम को शुरू करने और उनके लिए आवश्यक हार्डवेयर संसाधनों का प्रबंधन करने का काम करता है। OS के सिंद्धांत को पहली बार 1950 के दशक में टैप स्टोरेज को मैनेज करने के लिए लाया गया था।

Operating System को निम्नलिखित परिभाषाओं से भी समझा जा सकता है:

1. Operating system एक कंप्यूटर सिस्टम के भीतर सबसे बुनियादी प्रोग्राम है, जो Input/Output और Memory Allocation जैसे हार्डवेयर कार्यो के लिए प्रोग्राम और हार्डवेयर पार्ट्स के बीच मध्यस्थ के रूप में काम करता है।

2. यह एक विशेष प्रकार का सॉफ्टवेयर है, जो कंप्यूटर में उपलब्ध सभी प्रोग्राम के निष्पादन (Execution) को नियंत्रित और मॉनिटर करता है। इन प्रोग्राम में एप्लीकेशन और अन्य सिस्टम सॉफ्टवेयर शामिल है।

3. OS, सीपीयू के संचालन की निगरानी करने वाले प्रोग्रामों की एक एकीकृत प्रणाली है। ये प्रणाली कंप्यूटर के इनपुट/आउटपुट और स्टोरेज फंक्शन को नियंत्रित करने के साथ विभिन्न सहायता सेवाएं प्रदान करती है।

4. OS एक System Software है, जिसकी मदद से यूजर कंप्यूटर को आसान और बेहतर तरीके से उपयोग कर पाते है।

5. ऑपरेटिंग सिस्टम एक प्रोग्राम है, जो कंप्यूटर पर हार्डवेयर और अन्य सॉफ्टवेयर को मैनेज करता है।

ऑपरेटिंग सिस्टम की आवश्यकता

निम्नलिखित बिंदु जो ऑपरेटिंग सिस्टम की आवश्यकता को दर्शाते हैं:

  • कंप्यूटर में एक समय मे कई प्रोसेस चल रही होती है, और उन सभी को निष्पादित होने के लिए सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट और कंप्यूटर मेमोरी की आवश्यकता होती है। ऑपरेटिंग सिस्टम सभी प्रोसेस के लिए इन संसाधनों की आपूर्ति करता है। इसीलिए इसे Resource Manager भी कहा जाता है।
  • एक उपयोगकर्ता के लिए कंप्यूटर सिस्टम को बिना किसी Operating System के इस्तेमाल करना लगभग असंभव है। क्योंकि एक प्रोग्राम को निष्पादित करने पर कई प्रोसेस एक साथ चलती है, जिन्हे मैनेज करना एक इंसान के लिए आसान नही है।
  • OS, यूजर और कंप्यूटर के बीच एक कम्युनिकेशन लिंक बनाता है, ताकि यूजर किसी भी एप्लीकेशन प्रोग्राम को ठीक से चला पाये तथा उसे आवश्यक आउटपुट प्राप्त हो सके।
  • आप अपने माउस का इस्तेमाल एप्लीकेशन को खोलने तथा मेन्यू पर क्लिक करने के लिए करते है। यह सब आधुनिक Operating System की बदौलत संभव है। GUI (Graphical User Interface) की मदद से आपको ऐसा करने की अनुमती मिलती है।
  • Operating System, उपयोगकर्ता को फाइल मैनेजमेन्ट में मदद करता है। इसके द्वारा यूजर अपनी जरूरतों के अनुसार डेटा को व्यवस्थित तरीके से सेव कर सकता है।
  • मल्टीटास्किंग एक बेहद महत्वपूर्ण विशेषता है, ऑपरेटिंग सिस्टम की। इसकी मदद से हम कई प्रोग्राम को एक समय मे चला पाते है।
  • कंप्यूटर में किसी भी एप्लीकेशन प्रोग्राम को चलाने के लिए OS एक प्लेटफार्म प्रदान करता है। जिसके कारण हम उस एप्लीकेशन की मदद से अपने कार्य को कर पाते है।

इसके अलावा भी OS की कई ऐसी विशेषताएं है, जिनके कारण हम आधुनिक तकनीकों के फायदे ले पा रहे है। तो चलिए अब Operating System के कुछ महत्वपूर्ण फंक्शन पर एक नजर डालते है।

ऑपरेटिंग सिस्टम के कार्य – Functions of Operating System

अब तक आप जान चुके होंगे कि एक कंप्यूटिंग डिवाइस के लिए Operating System कितना महत्वपूर्ण है। इन डिवाइस के लिए ओएस द्वारा कई महत्वपूर्ण कार्य किये जाते है। ऑपरेटिंग सिस्टम द्वारा निष्पादित किये जाने वाले विभिन्न कार्य निम्नानुसार है:

Process Management

जैसा कि हम जानते है, CPU एक समय मे एक ही प्रोसेस को निष्पादित कर सकता है। परन्तु हम अपने कंप्यूटर में मल्टी-प्रोग्राम को एक साथ रन कर पाते है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि OS उन प्रॉसेस को मल्टी-प्रोग्रामिंग एनवायरनमेंट की सुविधा देता है। अर्थात सभी निष्पादन के लिए तैयार प्रोसेस CPU को कब और कितने समय के लिए एक्सेस करेंगी यह सब Operating System तय करता है।

OS के इस फीचर को Process Scheduling कहा जाता है। इसके अलावा यह प्रोसेस और प्रोसेसर की स्टेटस पर नजर रखता है, और जब प्रक्रिया पूर्ण हो जाती है, तो प्रोसेसर (CPU) को Deallocate कर देता है। प्रोसेस और प्रोसेसर की स्थिति पर नजर रखने वाले प्रोग्राम को ट्रैफिक कंट्रोलर के नाम से जाना जाता है।

Memory Management

मेमोरी प्रबंधन एक प्रमुख कार्य है, जो Operating System द्वारा किया जाता है। जब भी हम किसी एप्लीकेशन या प्रोग्राम को निष्पादित करते है, तो वह सबसे पहले कंप्यूटर की मुख्य मेमोरी में लोड होता है। अब यदि हम कई प्रोग्राम को एक समय में निष्पादित करते है, तो उन सभी को मेमोरी की आवश्यकता होगी। यहां पर ऑपरेटिंग सिस्टम द्वारा मुख्य मेमोरी को मैनेज किया जाता है।

मुख्य मेमोरी CPU से घनिष्टता से कनेक्ट होती है, इसीलिये इंट्रक्शन्स और डेटा को प्रोसेसर के अंदर और बाहर ले जाना बहुत फ़ास्ट होता है। मल्टी-प्रोग्रामिंग में OS यह सुनिश्चित करता है, कि सभी प्रोसेस द्वारा मेमोरी का इस्तेमाल किया जा सके ताकि सिस्टम अच्छी तरह से कार्य कर पाए।

एक ऑपरेटिंग सिस्टम मेमोरी मैनेजमेन्ट के लिए विभिन्न कार्य करता है। उदाहरण के लिए मेमोरी का ट्रैक रखता है, यानी कोन सा भाग किस प्रोसेस के उपयोग में है, और कोन सा नही; जब कोई प्रोसेस मेमोरी की मांग करती है, तो उसे मेमोरी आवंटित करता है, जब प्रोसेस को इसकी आवश्यकता नही होती या प्रोसेस समाप्त हो जाती है, तो मैमोरी को डी-एलोकेट करता है।

Hardware Management

प्रत्येक हार्डवेयर डिवाइस एक अलग कार्य करता है। परन्तु OS, उससे सम्बंधित Drivers की मदद से डिवाइस कम्युनिकेशन को मैनेज करता है। प्रत्येक हार्डवेयर डिवाइस के लिए एक अलग ड्राइवर होता है। ये ड्राइवर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर के बीच संचार को सफल बनाते है।

सिस्टम से जुड़े सभी हार्डवेयर डिवाइस का OS द्वारा ट्रैक रखा जाता है। इसके लिए I/O Controller नामक प्रोग्राम का उपयोग किया जाता है। ओएस तय करता है, कि कोन सी प्रोसेस एक खास डिवाइस को एक्सेस करेगी और कितने समय के लिए। इसके अलावा Operating System प्रभावी और कुशल तरीके से हार्डवेयर डिवाइस को आवंटित करता है।

File Management

कंप्यूटर में मौजूद फाइल को आसान नैविगेशन के साथ उपयोग किया जा सके इसके लिए हम उन्हें डायरेक्ट्रीज में व्यवस्थित करते है। जिसके अंतर्गत एक Operating System अहम भूमिका निभाता है। उदाहरण के लिए ओएस देखता है कि डेटा कहा स्टोर है, साथ ही संसाधनों को खोजने में मदद करता है। इन सामुहिक सुविधाओं को अक्सर File System के रूप में जाना जाता है।

Security

OS यह सुनिश्चित करता है, कि केवल यूजर ही कंप्यूटर और इसके डेटा तक पहुँच प्राप्त करे। ऐसा करने के लिए Operating System द्वारा पासवर्ड प्रोटेक्शन और अन्य तकनीकों का उपयोग किया जाता है। डेटा किसी भी कंप्यूटर सिस्टम का एक महत्वपूर्ण भाग है। अगर यह किसी दूसरे व्यक्ति की पहुँच में आ जाये तो, वह डेटा का अवैध उपयोग और उसमें हेरफेर कर सकते है।

यूजर को इंटरफेस प्रदान करना

यूजर कंप्यूटर संसाधनों का इस्तेमाल कर पाए उसके लिए Operating System एक इंटरफेस के रूप में कार्य करता है। यह एक Graphical User Interface (GUI) हो सकता है, जिसमे यूजर OS के साथ संवाद करने के लिए ऑन-स्क्रीन एलिमेंट पर क्लिक करता है; इसके अलावा यह Command-Line Interface (CLI) हो सकता है, जिसमे यूजर कार्य को करने के लिए ओएस को कमांड देते है।

सिस्टम परफॉरमेंस देखना

Operating System हमारे कंप्यूटर की ओवरऑल परफॉरमेंस पर नजर रखता है, साथ ही हमें CPU की स्टेटस भी बताता रहता है। इसकी मदद से हम देख सकते है, कि हमारा सीपीयू कितना व्यस्त है, या हमारी हार्ड ड्राइव डेटा को कितनी जल्दी पुनर्प्राप्त करती है, इत्यादि। सिस्टम में हो रही सभी गतिविधियों की रिकॉर्डिंग करने का काम एक ऑपरेटिंग सिस्टम का है।

एरर बताना

सिस्टम की खराबी से बचने के लिए OS उसमे आ रही त्रुटियों (Error) को लगातार डिटेक्ट करता है। त्रुटि का पता लगाने के लिये ऑपरेटिंग सिस्टम विभिन्न तरीकों का उपयोग करता है।

ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकार – Types of Operating System in Hindi

कुछ सबसे व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकार निम्नलिखित हैं:

  1. Batch Operating System
  2. Multi programming Operating System
  3. Multitasking Operating System
  4. Distributed Operating System
  5. Network Operating System
  6. Real Time Operating System
  7. Time Sharing Operating System
  8. Multiprocessing Operating System

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