कंप्यूटर क्या है what is a computer

 

कंप्यूटर क्या है: परिभाषा, प्रकार और पार्ट्स की जानकारी हिंदी में

इस लेख में आप जानेंगे Computer क्या है? मुझे उम्मीद है, शायद ही दुनिया मे कोई ऐसा व्यक्ति होगा जिसने अब तक Computer का नाम नही सुना हो। आप भी कंप्यूटर की बेसिक नॉलेज रखते होंगे, लेकिन क्या आप इस नायाब Electronic Machine को सिर्फ घर और दफ्तर में इस्तेमाल होने वाले एक PC की तरह देखते है? हो सकता है, आपके लिए Computer की परिभाषा बहुत छोटी हो परन्तु एक बात आपको जान लेनी चाहिए कि यह सिर्फ मेज पर रखी एक डिवाइस नही है, बल्कि आज की मॉडर्न टेक्नोलॉजी को विकसित करने वाली एक जादुई मणि की तरह है।

जरा सोचिये आज आप घर बैठे दुनिया के किसी भी हिस्से मे मौजूद व्यक्ति से इंटरनेट के जरिये सम्पर्क कर लेते है, अपनी इच्छानुसार टेलीविजन पर कोई कार्यक्रम देख लेते है, एक सिंपल से कार्ड से कही भी पैसे निकाल लेते है, और अब तो आपको शॉपिंग करने के लिये बाहर भी नही जाना पड़ता। इतनी सुविधाएं किसकी वजह से संभव हो सकी है; आगे भी कितना कुछ असंभव संभव होने वाला है, ये कोई नही जानता।

तो अगर अब भी आप सोचते है, कि Computer कोई जानने जैसी चीज नही तो शायद आप गलत है। में आपको विश्वास दिलाता हूं, अगर आप कंप्यूटर क्या होता है ― उसकी कार्यप्रणाली और मुख्य पार्ट्स के बारे में जान ले, तो आपको आज की टेक्नोलॉजी को समझते देर नही लगेगी। ऐसा इसलिए कह रहा हूँ, क्योंकि टेक्नोलॉजी के स्तर पर जितना भी विकास हुआ है, वो सब इसी मशीन पर किये गए प्रयोगों का परिणाम है।

शायद अब आप समझ गए होंगे कि हम सिर्फ एक डिवाइस के बारे में बात नही कर रहे है, बल्कि असल मे Computer किसे कहते है? इसकी जानकारी आपको देने वाले है। अगर आप एक स्टूडेंट है या Computer सीखना चाहते है, तो यह पोस्ट आपके लिये बहुत उपयोगी साबित होगी। लेकिन सबसे पहले इसकी परिभाषा जानने से शुरुआत करते है।



  • कंप्यूटर की परिभाषा
  • कंप्यूटर का अर्थ
  • कंप्यूटर से क्या कर सकते है?
  • कंप्यूटर की कार्यप्रणाली
  • कंप्यूटर के आविष्कारक कौन है
  • भारत मे कंप्यूटर का इतिहास
  • कंप्यूटर की पीढ़ियां
  • कंप्यूटर के मुख्य पार्ट्स
  • कंप्यूटर के विभिन्न प्रकार
    • अन्य प्रकार के कंप्यूटर
  • कंप्यूटर के लाभ और हानि
  • कंप्यूटर सीखना क्यों जरुरी है
  • Computer Related Terms
  • कंप्यूटर क्या है

कंप्यूटर की परिभाषा – Computer Definition in Hindi

Computer एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है, जिसका उपयोग गणना करने, डेटा/इन्फॉर्मेशन को स्टोर, व्यवस्थित, और पुनःप्राप्त करने, तथा अन्य मशीनों को कंट्रोल करने के लिए किया जाता है।

आसान भाषा में Computer, यूजर द्वारा दिए गए निर्देशों (Instructions) के आधार पर प्रोसेसिंग करके परिणाम उत्पन्न करता है। इसके अलावा Computer की स्टोरेज डिवाइस में डेटा को लंबे समय तक स्टोर किया जा सकता है, ताकि दुबारा जरूरत पड़ते ही उसे प्राप्त किया जा सके।

शब्द Computer इंग्लिश शब्द ‘Compute’ से लिया गया है, जिसका हिंदी मतलब है ― गणना करना। आज से कई सौ सालों पहले यह शब्द उस व्यक्ति के लिये उपयोग किया जाता था, जो गणना करते थे (अर्थात गणितज्ञ थे)। जब यही काम बाद में Computer करने लगे तो उन्हें गणकयंत्र (Calculating Machine) कहा जाने लगा।

हालांकि शुरुआती Computer आज जितने आधुनिक नही थे, उन्हें सिर्फ तेजी से गणना करने के उद्देश्य से बनाया गया था। इसके विपरीत आधुनिक Computer एक प्रोग्रामेबल मशीन (Programmable Machine) होते है; जिनसे प्रत्येक कार्य करवाने के लिये Program लिखे जाते है। यह निर्देशों का एक समूह होता है जो Computer को बताता है, कि क्या करना है और कैसे करना है, इसे Software भी कहा जाता है।


कंप्यूटर का अर्थ – Computer Full Form in Hindi

आपको कई वेबसाइट पर इसकी फुल फॉर्म अलग देखने को मिल सकती है। परन्तु Computer के लिये अधिकतम उपयोग की जाने वाली फुल फॉर्म: Commonly Operated Machine Particularly Used for Technical and Educational Research है।

CCommonly
OOperated
MMachine
PParticularly
UUsed for
TTechnical
E& Educational
RResearch

कंप्यूटर से क्या कर सकते है?

अक्सर, नए उपयोगकर्ता को नही पता होता कि वह एक Computer में क्या कर सकता है? अगर आप उनमें से है, तो बुरा महसूस करने की कोई जरूरत नही, कोई भी स्किल सीखी जा सकती है। नीचे उन मुख्य कार्यो के बारे में बताया गया है, जिन्हें Computer कर सकता है:

  1. विभिन्न सॉफ्टवेयर जैसे ― MS Word, Excel और PowerPoint के इस्तेमाल से आप डॉक्यूमेंट बना सकते है, स्प्रीडशीट और प्रेजेंटेशन तैयार कर सकते है।
  2. एंटरटेनमेंट के लिये म्यूजिक सुनना, मूवीज देखना और वीडियो गेम खेलने जैसी कई गतिविधियां की जा सकती है।
  3. पर्सनल इन्फॉर्मेशन, फाइलों और विभिन्न प्रकार के डेटा को स्टोर कर सकते है।
  4. सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर फैमिली और दोस्तों से जुड़ सकते है।
  5. इंटरनेट से कनेक्ट कर वेब ब्राउज कर सकते है।
  6. पिक्चर और वीडियो एडिट कर सकते है।
  7. ऑनलाइन सेवाओं का लाभ उठा सकते है।
  8. ईमेल भेज व प्राप्त कर सकते है।

कंप्यूटर की कार्यप्रणाली

Computer किसी भी कार्य को करने के लिये मुख्य रूप से इन चार प्रक्रियाओं को करता है: यूजर से निर्देश लेना, उसके आधार पर प्रोसेसिंग करना, अंत मे प्रोसेस किये गए डेटा को स्टोर और डिस्प्ले करना। इन कार्यो को ― Input, Processing, Output और Storage से दर्शाया जाता है।

नीचे मौजूद आरेख (Diagram) के माध्यम से आप कंप्यूटर की कार्यप्रणाली (Functionality) को समझ सकते है।

Block Diagram of Computer
Block Diagram of the Computer

Input: वह निर्देश अथवा कमांड जो यूजर द्वारा Computer को दी जाती है, उसे Input कहते है। ऐसा करने के लिये यूजर Input Device ― कीबोर्ड और माउस इत्यादि का उपयोग करते है। इसके अलावा डेटा को सिस्टम में कई अन्य तरीकों से भी एंटर किया जा सकता है।

Processing: इसके अंतर्गत Computer यूजर द्वारा फीड किये गए डेटा (निर्देशों) के आधार पर प्रोसेसिंग करता है। इस कार्य के लिए इसमें Central Processing Unit (CPU) जिम्मेदार होती है। यह यूजर द्वारा इनपुट किये डेटा में हेरफेर करके उसे सार्थक जानकारी में कन्वर्ट करता है। आमतौर पर इस प्रोसेसिंग यूनिट को कंप्यूटर का मस्तिष्क माना जाता है।

Output: इनपुट किये गए डेटा की प्रोसेसिंग करने बाद Computer उसे Output Device को भेज देता है, ताकि वह यूजर को प्राप्त हो सके। मुख्य रूप से Output को प्रदर्शित करने के लिये डिस्प्ले डिवाइस (Monitor) का उपयोग किया जाता है। जो भी आप Computer में करते है, वह सब आपको इसी डिस्प्ले पर दिखाई देता है।

Storage: इस स्टेप में यूजर प्रोसेस किये गए डेटा अथवा जानकारी को भविष्य में फिर से उपयोग करने के लिये Computer में स्टोर करता है।

कंप्यूटर के आविष्कारक (Inventor) कौन है?

Charles Babbage, English mathematician and inventor
Charles Babbage: English Mathematician, Inventor

अगर आप आधुनिक Computer को देखें तो उसे किसी एक व्यक्ति ने नही बनाया है, बल्कि इसमें कई लोगों का योगदान रहा है। किताबों के हिसाब से तो कंप्यूटर का इतिहास कई सौ सालों पुराना है। ऐसे में किसी एक व्यक्ति को इसका अविष्कारक मानना सही नही है।

चूंकि Charles Babbage द्वारा बनाई गयी गणना मशीन ― Analytical Engine और Difference Engine ने आधुनिक कंप्यूटर को विकसित करने में सबसे अहम योगदान दिया, इसलिए उन्हें “कंप्यूटर का जनक” कहा जाता है।

भारत मे कंप्यूटर का इतिहास

दुनिया में Computer की खोज के कई सालों बाद लगभग 1953 में भारतीय सांख्यिकी संस्थान (ISI) ने भारत के पहले Analog Computer की स्थापना की थी। इसके कुछ ही सालों बाद 1955 में HEC-2M को विदेश से आयात किया गया, जिसे भारत का पहला Digital Computer कहा जाता है। हालांकि तकनीकी रूप से TIFRAC (Tata Institute of Fundamental Research Automatic Calculator) को इसकी उपाधि दी जानी चाहिए, क्योंकि इसे भारत मे ही विकसित किया गया था। जिस टीम ने इसे विकसित किया उसकी अगुवाई प्रसिद्ध भारतीय कंप्यूटर वैज्ञानिक ― Rangaswami Narasimha कर रहे थे।

कंप्यूटर की पीढ़ियां (Computer Generations)

कंप्यूटर जनरेशन से हमें ये पता लगता है, कि समय के साथ-साथ तकनीक में कैसे बदलाव हुआ और एक बड़े से रूम में आने वाला Computer, आज इतना छोटा और शक्तिशाली कैसे हो गया।

प्रथम पीढ़ी (1940 – 1956)

Computer की प्रथम पीढ़ी (First Generation) की शुरुवात सन 1940 से हुई जब John Mouchly और J. Presper Eckent ने मिलकर एनियक (ENIAC) को विकसित किया। इन कंप्यूटरों में वैक्यूम ट्यूब (Vacuum tubes) का इस्तेमाल किया गया था। यह साइज में काफी बड़े होते थे, जिसके कारण यह पूरे कमरे की जगह घेर लेते थे। इस पीढ़ी के Computers, पंचकार्डस (Punch cards) पर आधारित थे। इनमे मेमोरी के लिए मैग्नेटिक ड्रम का इस्तेमाल होता था। प्रोग्रामिंग के लिए Machine Language को इस्तेमाल में लिया जाता था।

प्रथम पीढ़ी के मुख्य कंप्यूटर के नाम: ENIAC, EDVAC, UNIVAC, etc.

द्वितीय पीढ़ी (1956 – 1963)

द्वितीय पीढ़ी (Second Generation) के Computers में वैक्यूम ट्यूब के बदले Transistors का इस्तेमाल होने लगा। जिस कारण इस पीढ़ी के कंप्यूटरों के साइज पहले के मुकाबले काफी छोटे हो गए। इसके अलावा वे पहली पीढ़ी की तुलना में कम बिजली खर्च करने के साथ अधिक सस्ते होते थे। हालांकि डेटा इनपुट करने के लिये अभी भी Punch cards को उपयोग में लिया जाता था। इसी बीच उच्चस्तरीय प्रोग्रामिंग लैंग्वेज कोबोल (Cobol) व फोरर्ट्रान (Fortran) का इस्तेमाल होना शुरू हुआ।

द्वितीय पीढ़ी के मुख्य कंप्यूटर: IBM 7094, CDC 1604, UNIVAC 1108, Honeywell 400, etc.

तृतीय पीढ़ी (1963 – 1971)

तृतीय पीढ़ी (Third Generation) के Computers पिछली दोनों पीढ़ियों से बेहतर थे। क्योंकि अब आई.सी (Integrated Circuit) का अविष्कार हो चुका था। IC के उपयोग ने Computers के आकार को काफी छोटा कर दिया। इसके अलावा अब वह कम बिजली खर्च करते, साथ ही कम गर्मी उत्पन्न करते थे। डेटा इनपुट करने के लिए भी अब Mouse और Keyboard का इस्तेमाल होने लगा। इसके अलावा इस पीढ़ी में ऑपरेटिंग सिस्टम (OS), टाइम-शेयरिंग और मल्टीप्ल प्रोग्रामिंग के कॉन्सेप्ट पर भी काम किया गया था।

तृतीय पीढ़ी के कुछ मुख्य कंप्यूटर: IBM 360, ICL 2900, PDP, TDC-316, etc.

चौथी पीढ़ी (1971 – 1980)

चौथी पीढ़ी (Fourth Generation) के कम्प्यूटरों में VLSI (Very Large Scale Integration) Circuits का इस्तेमाल किया जाने लगा। इसके तहत एक सिंगल Chip में हजारों Transistors और अन्य इलेक्ट्रॉनिक कॉम्पोनेन्ट को एकीकृत किया गया था। जिस कारण Computers आकार में बेहद छोटे होने के साथ-साथ अधिक शक्तिशाली, टिकाऊ और सस्ते हो गए। इसी पीढ़ी में Personal Computers भी विकसित किये गए। अब Computers में सभी उच्च-स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषाओं (C, C++, D Base, etc.) का उपयोग किया जाने लगा।

चौथी पीढ़ी के मुख्य कंप्यूटर: DEC 10, STAR 1000, PDP 11, CRAY-1, IBM 4341, etc.

पांचवी पीढ़ी (1980 – अभी तक)

पांचवी पीढ़ी (Fifth Generation) मुख्य रूप से ULSI (Ultra Large Scale Integration) तकनीक पर आधारित है, जिसके फलस्वरूप अब एक छोटी सी Microprocessor Chip में लांखो इलेक्ट्रॉनिक कॉम्पोनेन्ट एकीकृत किये जा सकते है। इस पीढ़ी की कुछ एडवांस तकनीकों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम कम्प्यूटेशन, नैनोटेक्नोलाजी और पैरेलल प्रोसेसिंग शामिल है।

पांचवी पीढ़ी के Computers बाकी सभी पीढ़ियों की तुलना में सबसे तेज, आकार में छोटे, मल्टी-टास्किंग और अधिक टिकाऊ है। इस पीढ़ी के कंप्यूटरों का इंटरफेस अधिक यूजर-फ्रेंडली हुआ है, साथ ही कई नए फीचर भी जोड़ें गए है।

पांचवी पीढ़ी के कुछ कंप्यूटर: Desktop, Laptop, Notebook, Ultrabook, etc.

कंप्यूटर के मुख्य पार्ट्स

मानव शरीर की तरह ही Computer के भी कई सारे पार्ट्स होते है। इन सभी पार्ट्स को मुख्य रूप से दो भागों: Hardware और Software में विभाजित किया जाता है। वे पार्ट्स जो भौतिक (Physical) है, अर्थात जिन्हें हम देख व छू सकते है, Hardware कहलाते है; Software, कंप्यूटर के भौतिक भाग को बताते है, क्या करना है और कैसे करना है, इन्हें प्रोग्राम अथवा एप्लीकेशन भी कहा जाता है।

अगर आप किसी सामान्य Desktop PC को देखेंगे तो उसमें आपको एक Cabinet, Monitor, Keyboard, Mouse और UPS देखने को मिलेगा। हालांकि अन्य पार्ट्स कैबिनेट के भीतर मौजूद होते है। तो आइये Computer के कुछ बेसिक पार्ट्स के बारे में जानें।

1. Main Circuit Board

Standard ATX Motherboard

Computer का मुख्य सर्किट बोर्ड Motherboard है। यह Cabinet के भीतर मौजूद ग्रीन कलर का एक बड़ा सा सर्किट बोर्ड होता है। इसका कार्य CPU, RAM, Hard Drive, Graphics Card और अन्य हार्डवेयर पार्ट्स को आपस मे कनेक्ट करना है; साथ ही मदरबोर्ड, I/O Devices को Computer से जोड़ने के लिए Ports भी प्रदान करता है।

2. Central Processing Unit (CPU)

CPU or Processor

CPU अथवा Central Processing Unit (or Processor) को Computer का ‘मस्तिष्क’ कहा जाता है। जिस तरह हमारा दिमाग हमारे लिये सोचने और निर्णय लेने का काम करता है, ठीक उसी प्रकार CPU यूजर द्वारा प्राप्त निर्देशों (Instructions) के आधार पर प्रोसेसिंग करके Output प्रदान करता है। एक तरह से CPU, Computer के सभी पार्ट्स के संचालन को नियंत्रित करता है। यह मदरबोर्ड में CPU Socket में स्थित होता है।

3. RAM

Computer RAM

RAM का पूरा नाम Random Access Memory है। यह Computer की प्राइमरी मेमोरी होती है, जिसका उपयोग वर्तमान समय में CPU द्वारा प्रोसेस किये जा रहे डेटा को स्टोर करने के लिये होता है। यह एक अस्थायी (Temporary) मेमोरी होती है, अर्थात Computer के बंद होते ही इसमे स्टोर डेटा मिट जाता है। अन्य स्टोरेज डिवाइस की तुलना में RAM काफी फास्ट होती है। हालांकि इसकी स्टोरेज क्षमता बाकियों के मुकाबले काफी कम होती है।

4. Storage Device

HDD, Hard Disk Drive

Computer में डेटा को स्थायी रूप से (Permanently) स्टोर करने के लिये Hard Disk Drive (HDD) और Solid State Drive (SSD) सबसे आम प्रकार की स्टोरेज डिवाइस है। यह दोनों ही बड़ी मात्रा में डेटा को स्टोर करके रख सकती है। आपके सिस्टम में मौजूद सभी फाइलें, सॉफ्टवेयर, और अन्य प्रकार का डेटा इन्ही स्टोरेज में स्टोर रहता है। हालांकि इन दोनों में डेटा को स्टोर और पुनःप्राप्त करने के लिये अलग-अलग तकनीक का उपयोग होता है। इसके अलावा भी HDD और SSD में कई सारे अंतर है।

5. Input/Output Devices

Input/Output Devices Examples

I/O Devices उन्हें कहा जाता है, जो Computer में डेटा को इनपुट (Input) करने और आउटपुट (Output) प्राप्त करने का काम करती है। इन डिवाइस के उपयोग से यूजर और Computer के बीच संवाद सम्भव हो पाता है। ये भी कह सकते है, कि इन डिवाइस के उपयोग से यूजर Computer को नियंत्रित कर पाता है। मुख्य Input/Output Devices के उदाहरण:

  • Keyboard
  • Mouse
  • Monitor
  • Printer
  • Speaker

कंप्यूटर के विभिन्न प्रकार – Types of Computer in Hindi

अगर आप Computer शब्द का प्रयोग सिर्फ घर और ऑफिस में उपयोग होने वाले PC के लिए करते है, तो आप गलत है। इस शब्द का प्रयोग आमतौर पर उन इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के लिये किया जाता है, जो यूजर से निर्देश (इनपुट) लेकर उसकी प्रोसेसिंग करते है, और उत्पादित परिणाम (आउटपुट) को यूजर को प्रदान करते है। नीचे विभिन्न प्रकार के Computer डिवाइस की चर्चा की गयी है।

Desktop Computer

Desktop PC

एक Desktop Computer आपके घर या ऑफिस की डेस्क में रखा जाता है। आमतौर पर एक व्यक्ति के काम करने के लिये डिजाइन किया गया है, जिसके चलते इसे Personal Computer (PC) भी कहते है। इसे कन्ट्रोल करने के लिये मुख्य रूप से कीबोर्ड और माउस का इस्तेमाल होता है; परिणाम देखने और टास्क की मॉनिटरिंग के लिए डिस्प्ले डिवाइस के रूप में मॉनिटर मौजूद होता है। पावर देने के लिये इसे मुख्य पावर सप्लाई से जोड़ना पड़ता है, क्योंकि इसमें इन्टरनल बैटरी नही लगी होती है।

Laptop

Laptop

Laptop एक ऑल-इन-वन Computer सिस्टम है, जिसे पूरी तरह फंक्शनल होने के लिये बाहरी उपकरणों की आवश्यकता नही होती; बल्कि स्क्रीन, कीबोर्ड और टचपैड इसमें इन-बिल्ट होते है। आमतौर पर यह डेस्कटॉप से साइज में काफी छोटे और वजन में हल्के होते है। जिस वजह से Laptop काफी पोर्टेबल है, और इसे आप अपने साथ कही भी ले जा सकते है। यह बैटरी पर चलते है, एक बार चार्ज कर लेने पर कई घण्टों तक इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।

Tablet

Tablet

Tablet, एक फ्लैट टचस्क्रीन डिवाइस होती है। इसका साइज लैपटॉप से छोटा और स्मार्टफोन से बड़ा होता है। इसमें इनपुट देने के लिये स्क्रीन पर उंगलियों से टच करना होता है, हालांकि कुछ Tablet Devices में इसके लिये Stylus (or Light Pen) का भी उपयोग किया जाता है। यह बहुत अधिक पोर्टेबल होते है, जिसके कारण इसे अपने साथ कहि भी ले जाना आसान होता है।

Server

Server

Server भी एक प्रकार का Computer है, जो किसी नेटवर्क पर अन्य Computers को डेटा, संसाधन और सेवाएं इत्यादि प्रदान करता है। यह विभिन्न प्रकार के होते है, जिसमें ― वेब सर्वर, मेल सर्वर, फाइल सर्वर और एप्पलीकेशन सर्वर इत्यादि शामिल है।

अन्य प्रकार के कंप्यूटर

स्मार्टफोन (Smartphone): यह एक प्रकार का Handheld Computer होता है, जिसे आप एक हाथ से पकड़कर उपयोग कर सकते है। इसमें फोन कॉल करने, मैसेज भेजने, इंटरनेट उपयोग करने जैसी कई सारी सुविधाएं उपलब्ध होती है। स्मार्टफोन में टच-स्क्रीन तकनीक का उपयोग होता है, डिस्प्ले पर उंगलियों से टच करके इस डिवाइस को चलाया जाता है।

पहनने योग्य (Wearables): वे Computers जिन्हें आप पहन सकते है, आमतौर पर अपनी कलाई में, जैसे ― स्मार्टवॉच और फिटनेस ट्रैकिंग बैंड। स्मार्टफोन में मौजूद अधिकांश फीचर इन डिवाइस में दिए गए होते है।

वीडियो गेम कंसोल (Video Game Console): यह एक गेमिंग बॉक्स है, जिसे TV या Monitor से कनेक्ट कर आप गेमिंग का मजा ले सकते है। हालांकि सामान्य PC में गेमिंग की जा सकती है, लेकिन बेहतर गेमिंग अनुभव के लिये आपको कंसोल का उपयोग करना चाहिए। क्योंकि इन्हें विशेष रूप से वीडियो गेम खेलने के लिये डिज़ाइन किया गया है। अभी सबसे लोकप्रिय गेमिंग कंसोल में Sony’s PlayStation और Microsoft’s Xbox शामिल है।

स्मार्ट टीवी (Smart TV): आज के स्मार्ट टीवी कई सारी सुविधाओ के साथ आते है। इनका उपयोग न सिर्फ फिल्में देखने, बल्कि ईमेल पढ़ने, इंटरनेट चलाने, और यूट्यूब व नेटफ्लिक्स पर पसंद के टीवी शो देखने के लिये भी किया जा सकता है। जो एक Computer से कम नही है।

कंप्यूटर के लाभ और हानि

आज के आधुनिक युग में Computer कितना उपयोगी है, ये हम सब जानते है। अपनी कई सारी विशेषताओं के कारण ही आज दुनिया में ऐसा कोई क्षेत्र नही, जहां यह अपना योगदान नही दे रहा हो। लेकिन सिक्के के दो पहलू होते है। ऐसे ही इसके भी कुछ लाभ (Advantages) और हानि (Disadvantages) है।

लाभ:

  • एक Computer का सबसे बड़ा प्लस पॉइन्ट उसकी स्पीड है। जिसके फलस्वरूप यह कुछ ही सेकंड में किसी भी टास्क को पूरा कर लेता है, इससे समय की काफी बचत होती है।
  • विश्व के किसी भी कोने में बैठे व्यक्ति से संचार की अनुमति देता है।
  • इंटरनेट में मौजूद प्रत्येक जानकारी तक आपकी पहुंच हो जाती है।
  • यह न केवल गति प्रदान करते है, बल्कि इनके द्वारा की गई जटिल संख्यात्मक कैलकुलेशन भी 100 प्रतिशत सटीक होती है।
  • मशीन थकती नही है, जिसके कारण इनसे अधिक से अधिक काम लिया जा सकता है।
  • मल्टीटास्किंग भी प्रमुख लाभ में से एक है, जिसके कारण ही आप Computer में कई टास्क साथ-साथ कर पाते है।
  • यूजर Computers में अपने डेटा को बड़ी मात्रा में स्टोर कर सकते है, और जरूरत पढ़ने पर उस डेटा को पुनःप्राप्त भी किया जा सकता है।

हानि:

  • चूंकि लोग Computers में अपनी पर्सनल और संवेदनशील जानकारी स्टोर करके रखते है। ऐसे में हैकर, कंप्यूटर वायरस का उपयोग कर आपके डेटा तक अनधिकृत पहुंच प्राप्त कर सकते है, और आपको कई तरह से नुकसान भी पहुंचा सकते है। इसलिए आज Data Security एक बहुत बड़ा मुद्दा है।
  • लगातार Computer पर काम करना आपकी आंखों और पूरे शरीर के लिये खतरनाक साबित हो सकता है, जिससे आपको कई तरह की स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएं आ सकती है।
  • इन पर बढ़ती हमारी निर्भरता न सिर्फ हमारे लिये बल्कि पूरे समाज के लिये नुकसानदेह है। यही कारण है, कि आज हम छोटी-छोटी बातों को लेकर परेशान रहते है, और हममे धैर्य की कमी दिखाई देती है।
  • हालांकि Computer का उपयोग कर आप काफी कुछ सीख सकते है, लेकिन युवा आज इन्ही डिवाइस पर अपना अधिकतर समय फिल्में देखने और गेम खेलने में बर्बाद कर देते है।
  • कई ऐसे क्षेत्र है, जहां इंसानों द्वारा किये जाने वाले कार्य अब Computers करते है। इससे साफ पता चलता है, कि आने वाले समय में कई क्षेत्रों में ये डिवाइस इंसानों की जगह ले लेगी। जिससे नॉकरी पाना और कठिन हो जाएगा।

कंप्यूटर सीखना क्यों जरुरी है?

हम सभी जानते है, कि पूरी दुनिया आज के समय Computers पर कितना निर्भर है। ऐसा कोई क्षेत्र नही जहां हम अपने कार्यो के लिये इनका उपयोग नही कर रहे है। तो ऐसे में प्रत्येक व्यक्ति के लिये यह जरूरी हो जाता है, कि वह अपनी कंप्यूटर साक्षरता (Computer Literacy) को बढ़ाए। आज आप किसी भी क्षेत्र में जॉब पाना चाहते है, आपके पास कम से कम Basic Computer Skills तो होनी ही चाहिए।

चूंकि आज अधिकांश बिज़नेस टेक्नोलॉजी पर निर्भर है, तो वे अपने वर्कर्स से भी यह अपेक्षा करते है, कि उन्हें Computer को ऑपरेट करना आना चाहिए। अगर आपको कुछ सीखना है, किसी विषय पर रीसर्च करनी है, तो वह सब आप बड़ी आसानी से कर सकते है। आप ये जानते ही है, कि सोशल मीडिया भी कंप्यूटर पर आधारित सेवा है, जो आपको न सिर्फ फैमिली और दोस्तों से बल्कि पूरी दुनिया से जोड़कर रखती है।

इसके अलावा ऑनलाइन शब्द से आप बड़ी अच्छी तरह परिचित होंगे। आज Computers की मदद से न सिर्फ घर बैठे आप ऑनलाइन क्लास ले सकते है, बल्कि तमाम प्रकार की सेवाओं का लाभ भी उठा सकते है। इसके अलावा हजारों ऐसे कारण है, जिनके लिए आपको Computer का ज्ञान होना ही चाहिए।

Start Learning Computer ― कंप्यूटर चलाना कैसे सीखें?

जब आप Computer के बारे में जानना शुरु करते है, तो कुछ शब्द (Terms) आपको कई बार सुनने को मिलते है। नीचे कुछ ऐसे ही शब्द दिए गए है, जिनकी जानकारी प्रत्येक स्टूडेंट को होनी चाहिए।

TermsDescription
Web Browserएक एप्लीकेशन जो इंटरनेट पर जानकारी खोजने और वेबसाइटों को एक्सेस करने का काम करता है (e.g. Google Chrome)।
World Wide Web (WWW or Web)इंटरनेट पर पाए जाने वाले वेब पेजों का एक कलैक्शन है, जो वेब सर्वर में स्टोर रहते है।
Bit & Byteकंप्यूटर मेमोरी की सबसे छोटी यूनिट को Bit कहते है, और 8 Bit के समूह को Byte कहा जाता है, जो आमतौर पर एक अक्षर, नम्बर और प्रतीक को स्टोर करता है।
BootingComputer को शुरू (Start) करने की प्रकिया को कहते है।
Fileडेटा का एक संग्रह (कलेक्शन) जिसे एक इकाई में स्टोर किया जाता है। यह दो प्रकार की होती है, डॉक्यूमेंट और मल्टीमीडिया फाइल।
Folderवह स्थान जहाँ फाइलों और अन्य फोल्डर को स्टोर किया जा सकता है।
Windowकिसी प्रोग्राम को ओपन करने पर जो डिस्प्ले दिखाई देती है, जिसे Minimize, Maximize और Close किया जा सकता है।
Softwareनिर्देशो का एक सेट है, जो Computer में किसी विशेष कार्य को परफॉर्म करता है। इसे Program भी कहते है।
Virusएक प्रकार का कोड या प्रोग्राम, जो एक डिवाइस से दूसरी डिवाइस में फैलता है। यह आपके Computer में मौजूद डेटा और फाइलों को नुकसान पहुंचा सकता है।
Driverएक प्रोग्राम जो ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ कम्यूनिकेट करके Computer के हार्डवेयर पार्ट्स को बताता है, कि कैसे कार्य करना है।
BugComputer प्रोग्राम के एक हिस्से में त्रुटि (error) आना, जिसके कारण प्रोग्राम सही तरह से कार्य नही करता या क्रैश हो जाता है।
Peripheralsवह डिवाइस जो Computer से जुड़े तो होते है, लेकिन उसके कोर पार्ट्स (CPU, पावर सप्लाई, और मदरबोर्ड) का हिस्सा नही होते है। आमतौर पर सहायक उपकरण की भूमिका निभाते है, जिससे Computer को अतिरिक्त कार्यक्षमता मिलती है। उदाहरण के लिये ― प्रिंटर, माउस, कीबोर्ड, मॉनिटर, इत्यादि सभी परिधीय उपकरण है।


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